Thursday, June 13, 2019

Maxwell scottish ---- मैक्सवेल स्कॉटिश


જ્ઞાન સારથિ, [05.11.16 02:16]
भौतिक विज्ञान का कोई भी छात्र मैक्सवेल समीकरणों से भली भांति परिचित होता है. ये वही समीकरण हैं जिनके द्बारा विद्युत, चुम्बकत्व तथा प्रकाश जैसी अलग अलग राशियाँ आपस में बन्ध जाती हैं. विद्युत चुम्बक के क्षेत्र में उसकी खोज को भौतिक जगत का दूसरा महासंयुक्तीकरण कहा गया है. पहला महासंयुक्तिकरण न्यूटन ने किया था.
मैक्सवेल स्कॉटिश भौतिकशास्त्री व गणितज्ञ था जिसका जन्म 13 जून 1831 को हुआ था. यह वही वर्ष था जब महान वैज्ञानिक माइकेल फैराडे ने विद्युत चुम्बकीय प्रेरण (Electro magnetic Induction) की खोज की थी. यह एक क्रांतिकारी खोज थी और बाद में इसी विषय में मैक्सवेल ने अपना शोध कार्य किया.
मैक्सवेल ने दर्शाया कि निर्वात में विद्युत क्षेत्र तथा चुम्बकीय क्षेत्र तरंगों के रूप में गमन करता है. ये तरंगें प्रकाश के वेग से आगे बढती हैं, इन्हें विद्युत चुम्बकीय तरंगें (Electromagnetic Rays) कहा गया. उसने प्रकाश तथा रेडियो तरंगों को विद्युत चुम्बकीये तरंगें सिद्ध किया. बाद में ये भी खोज की गई कि इन्हें चलने के लिए किसी माध्यम की आवश्यकता नहीं होती.
18 वर्ष की आयु में मैक्सवेल के दो पत्र प्रकाशित हुए. जिनमें से पहला प्रत्यास्थ (Elastic) वस्तुओं के संतुलन पर तथा दूसरा ओवल वक्र (Oval Curves) पर आधारित था. इसके बाद उसने रंगों से सम्बंधित एक क्रांतिकारी खोज की. इस खोज के अनुसार सभी प्रकार के रंग वास्तव में तीन आधार रंगों (Base or Primary colours) का मिश्रण होते हैं. इन रंगों यानी लाल, हरे व नीले रंगों को अलग अलग अनुपात में मिलाकर कोई भी रंग बनाया जा सकता है.
मैक्सवेल की इस खोज ने रंगीन छपाई की बुनियाद डाली. वर्तमान में हर प्रकार की रंगीन छपाई मशीनें, रंगीन टी.वी., रंगीन फोटोग्राफी, रंगीन कंप्यूटर मॉनिटर, फोन स्क्रीन सभी कुछ इसी सिद्धांत के आधार पर कार्य करते हैं. कभी कभी हरे प्राईमरी कलर के स्थान पर पीला रंग इस्तेमाल होता है. उसने Fish Eye Lens का भी आविष्कार किया.
उसने शनि ग्रह के छल्लों के बारे में निष्कर्ष निकाला कि यह दरअसल बहुत छोटे कणों का समूह है जो उस ग्रह की परिक्रमा कर रहा है.
किंग्स कॉलेज में काम करते हुए मैक्सवेल ने विद्युत चुम्बकीय प्रेरण का भौतिक मॉडल तैयार किया, जिसकी खोज फैराडे ने की थी. उसी समय उसने प्रकाश के ध्रुवण (Polarization) पर चुम्बकीय प्रभाव की खोज की. जो विद्युत तथा चुम्बकत्व का प्रकाश के साथ संयुक्तीकरण का पहला चरण था. इसका अंतिम निष्कर्ष मैक्सवेल की चार समीकरणों के रूप में सामने आया, जिनकी गिनती भौतिक विज्ञान की महानतम समीकरणों के रूप में होती है. इनके द्बारा प्रकाश तथा अन्य विद्युतचुम्बकीय तरंगों का वेक्टर मॉडल प्रस्तुत हुआ. तथा रेडियो, माइक्रोवेव जैसी किरणों का आविष्कार संभव हो सका. दूसरे शब्दों में मैक्सवेल की खोजों ने रेडियो, टी.वी. रडार तथा अन्य संचार उपकरणों के आविष्कार के रास्ते सुझाए.
ऊष्मागतिकी में कार्य करते हुए उसने गैसों का गतिक मॉडल प्रस्तुत किया. इस मॉडल द्बारा गैसों की विशेषताओं का अध्ययन होता है. साथ ही उसने यांत्रिकी (Mechanics) का ऊष्मागतिकी (Thermodynamics) के साथ सम्बन्ध स्थापित किया. मैक्सवेल का बनाया मॉडल पदार्थ की चौथी अवस्था प्लाज्मा के अध्ययन में भी काफी उपयोगी सिद्ध हो रहा है.
यह एक सुखद संयोग कहा जाएगा कि जिस वर्ष मैक्सवेल की मृत्यु हुई उसी वर्ष (1879) महान वैज्ञानिक अलबर्ट आइन्स्टीन का जन्म हुआ. शायद प्रकृति को इस महान वैज्ञानिक का पद रिक्त रखना गवारा न हुआ.
મારા ગ્રુપ મા જોડાવા અહિયાં ક્લિક કરો
https://telegram.me/gujaratimaterial

No comments:

Post a Comment