♻️♻️♻️♻️♻️♻️♻️♻️♻️♻️
*प्रसिद्धि 'भारत के पुरातत्त्व अन्वेषण के पिता'*
👁🗨👁🗨👁🗨👁🗨👁🗨👁🗨👁🗨👁🗨👁🗨👁🗨👁🗨
✅✅✅✅कनिंघम♦️♦️♦️♦️
👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇
पूरा नाम अलेक्ज़ॅन्डर कॅनिंघम
👉जन्म 23 जनवरी, 1814
💐💐मृत्यु 18 नवम्बर, 1893
कर्म-क्षेत्र पुरातत्त्व अन्वेषक
*अन्य जानकारी कॅनिंघम ने अनेक पुरातत्त्व-स्थलों की खोज की तथा इस विषय पर कई ग्रंथ भी लिखे, जिनका महत्त्व आज भी है।*
"भारत के पुरातत्त्व अन्वेषण का पिता" कहा जाता है। कॅनिंघम एक ब्रिटिश पुरातत्वशास्त्री तथा सेना में अभियांत्रिक पद पर नियुक्त थे। इनके दोनों भाई फ़्रैन्सिस कॅनिंघम एवं जोसफ़ कॅनिंघम भी अपने योगदानों के लिए ब्रिटिश भारत में प्रसिद्ध हुए थे।
*🔰🔰भारत आगमन*
1833 ई. में एक सैनिक शिक्षार्थी के रूप में वह ब्रिटेन से भारत आये थे, सैनिक इंजीनियर बनकर युद्धों में भाग लिया तथा बाद में बर्मा (वर्तमान म्यांमार) और पश्चिमोत्तर प्रांत के मुख्य अभियंता रहे। वर्ष 1861 ई. में सेवानिवृत्त होने पर वह पुरातत्त्व के काम में लग गये तथा अपने अध्ययन के आधार पर मृदाशास्त्र के अधिकारी विद्वान् माने जाने लगे।
*प्रसिद्धि 'भारत के पुरातत्त्व अन्वेषण के पिता'*
👁🗨👁🗨👁🗨👁🗨👁🗨👁🗨👁🗨👁🗨👁🗨👁🗨👁🗨
✅✅✅✅कनिंघम♦️♦️♦️♦️
👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇
पूरा नाम अलेक्ज़ॅन्डर कॅनिंघम
👉जन्म 23 जनवरी, 1814
💐💐मृत्यु 18 नवम्बर, 1893
कर्म-क्षेत्र पुरातत्त्व अन्वेषक
*अन्य जानकारी कॅनिंघम ने अनेक पुरातत्त्व-स्थलों की खोज की तथा इस विषय पर कई ग्रंथ भी लिखे, जिनका महत्त्व आज भी है।*
"भारत के पुरातत्त्व अन्वेषण का पिता" कहा जाता है। कॅनिंघम एक ब्रिटिश पुरातत्वशास्त्री तथा सेना में अभियांत्रिक पद पर नियुक्त थे। इनके दोनों भाई फ़्रैन्सिस कॅनिंघम एवं जोसफ़ कॅनिंघम भी अपने योगदानों के लिए ब्रिटिश भारत में प्रसिद्ध हुए थे।
*🔰🔰भारत आगमन*
1833 ई. में एक सैनिक शिक्षार्थी के रूप में वह ब्रिटेन से भारत आये थे, सैनिक इंजीनियर बनकर युद्धों में भाग लिया तथा बाद में बर्मा (वर्तमान म्यांमार) और पश्चिमोत्तर प्रांत के मुख्य अभियंता रहे। वर्ष 1861 ई. में सेवानिवृत्त होने पर वह पुरातत्त्व के काम में लग गये तथा अपने अध्ययन के आधार पर मृदाशास्त्र के अधिकारी विद्वान् माने जाने लगे।