Wednesday, May 1, 2019

'मजदूर दिवस' या 'श्रम दिवस --- 'Labor Day' or 'Labor Day'

शुरुआत 18वीं सदी
भारत में 15 जून , 1923 को पहली बार 'मई दिवस' मनाया गया था।
विशेष 'श्रमिक दिवस' का उदय 'मई दिवस' के रूप में नहीं हुआ था। वास्तव में अमरीका में श्रमिक दिवस मनाने की पुरानी परम्परा रही है, जो बहुत पहले से ही चली आ रही थी।
अन्य जानकारी 'प्रथम मज़दूर राजनीतिक पार्टी' सन 1828 ई. में फ़िलाडेल्फ़िया, अमरीका में बनी थी। इसके बाद ही 6 वर्षों में 60 से अधिक शहरों में मज़दूर राजनीतिक पार्टियों का गठन हुआ।

*ठेला खींचता मज़दूर*
ईंट बनाते मज़दूर मई दिवस
मई दिवस या 'मज़दूर दिवस' या 'श्रमिक दिवस' 1 मई को सारे विश्व में मनाया जाता है। 'मई दिवस' के विषय में अधिकांश तथ्य उजागर हो चुके हैं, फिर भी कुछ ऐसे पहलू हैं, जो अभी तक अज्ञात है। कुछ भ्रांतियों का स्पष्टीकरण और इस विषय पर भारत तथा विश्व के बारे में कम ज्ञात तथ्यों को उजागर करने की आवश्यकता है। यह उल्लेखनीय है कि 'श्रमिक दिवस' का उदय 'मई दिवस' के रूप में नहीं हुआ था। वास्तव में अमरीका में श्रमिक दिवस मनाने की पुरानी परम्परा रही है, जो बहुत पहले से ही चली आ रही थी। मई दिवस भारत में 15 जून , 1923 ई. में पहली बार मनाया गया था।

*इतिहास*

अमरीका में 'मज़दूर आंदोलन' यूरोप व अमरीका में आए औद्योगिक सैलाब का ही एक हिस्सा था। इसके फलस्वरूप जगह-जगह आंदोलन हो रहे थे। इनका संबंध 1770 के दशक की अमरीका की आज़ादी की लड़ाई तथा 1860 ई. का गृहयुद्ध भी था। इंग्लैंड के मज़दूर संगठन विश्व में सबसे पहले अस्तित्व में आए थे। यह समय 18वीं सदी का मध्य काल था। मज़दूर एवं ट्रेंड यूनियन संगठन 19वीं सदी के अंत तक बहुत मज़बूत हो गए थे, क्योंकि यूरोप के दूसरे देशों में भी इस प्रकार के संगठन अस्तित्व में आने शुरू हो गए थे। अमरीका में भी मज़दूर संगठन बन रहे थे। वहाँ मज़दूरों के आरम्भिक संगठन 18वीं सदी के अंत में और 19वीं सदी के आरम्भ में बनने शुरू हुए। मिसाल के तौर पर फ़िडेलफ़िया के शूमेकर्स के संगठन, बाल्टीमोर के टेलर्स के संगठन तथा न्यूयार्क के प्रिन्टर्स के संगठन 1792 में बन चुके थे। फ़र्नीचर बनाने वालों में 1796 में और 'शिपराइट्स' में 1803 में संगठन बने। हड़ताल तोड़ने वालों के ख़िलाफ़ पूरे अमरीका में संघर्ष चला, जो उस देश में संगठित मज़दूरों का अपनी तरह एक अलग ही आंदोलन था। हड़ताल तोड़ना घोर अपराध माना जाता था और हड़ताल तोड़ने वालों को तत्काल यूनियन से निकाल दिया जाता था।
कार्य समय घटाने का माँग
अमरीका में 18वें दशक में ट्रेंड यूनियनों का शीघ्र ही विस्तार होता गया। विशिष्ट रूप से 1833 और 1837 के समय। इस दौरान मज़दूरों के जो संगठन बने, उनमें शामिल थे- बुनकर, बुक वाइन्डर, दर्जी, जूते बनाने वाले लोग, फ़ैक्ट्री आदि में काम करने वाले पुरुष तथा महिला मज़दूरों के संगठन। 1836 में '13 सिटी इंटर ट्रेंड यूनियन ऐसासिएशन' मोजूद थीं, जिसमें 'जनरल ट्रेंड यूनियन ऑफ़ न्यूयार्क' (1833) भी शामिल थी, जो अति सक्रिय थी। इसके पास स्थाई स्ट्राइक फ़ंड भी था, तथा एक दैनिक अख़बार भी निकाला जाता था। राष्ट्रव्यापी संगठन बनाने की कोशिश भी की गयी यानी 'नेशनल ट्रेंड्स यूनियन', जो 1834 में बनायी गयी थी। दैनिक काम के घंटे घटाने के लिए किया गया संघर्ष अति आरम्भिक तथा प्रभावशाली संघर्षों में एक था, जिसमें अमरीकी मज़दूर 'तहरीक' का योगदान था। 'न्यू इंग्लैंड के वर्किंग मेन्स ऐसासिएशन' ने सन 1832 में काम के घंटे घटाकर 10 घंटे प्रतिदिन के संघर्ष की शुरुआत की।

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